
टाटा पावर ने बीकानेर ट्रांसमिशन रिन्युएबल एनर्जी प्रोजेक्ट का अधिग्रहण किया है। कंपनी ने इस प्रोजेक्ट को पीएफसी (PFC) यानी पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन से अधिग्रहण किया है।
कंपनी ने यह अधिग्रहण 1544 करोड़ रुपये में किया है। कंपनी की ओर से एक्सचेंज को दी गई जानकारी के मुताबिक बीकानेर-III, नीमराना-II ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट के लिए कंपनी की बोली स्वीकार की गई है। इस प्रोजेक्ट का अधिग्रहण बूट यानी (BOOT) बिल्ड ओन ऑपरेट और ट्रांसफर मॉडल के जरिए किया गया है। राजस्थान के इस बीकानेर रिन्युएबल एनर्जी प्रोजेक्ट से करीब 7.7 गीगा वाट एनर्जी के उत्पादन की उम्मीद है। इस प्रोजेक्ट के तहत 340 किलोमीटर ट्रांसमिशन कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा जो बीकानेर III पुलिंग स्टेशन से नीमराना-II सबस्टेशन तक होगा।
आपको बता दें कि हाल ही में टाटा पावर की सब्सिडियरी टाटा पावर रिन्युएबल एनर्जी लिमिटेड यानी टीपीआरईएल (TPREL) को एसजेवीएन (SJVN) के साथ फर्म ऐंड डिस्पैचेबल रिन्युएबल एनर्जी (FDRE) के लिए एक प्रोजेक्ट मिला है। इसके तहत कंपनी को 200 मेगा वाट का एक प्रोजेक्ट विकसित करना है।
यह एनर्जी प्रोजेक्ट पीएफसी कंसल्टिंग लिमिटेड की ओर एसपीवी (SPV) यानी स्पेशल परपस व्हीकल के तौर पर स्थापित की गई है। यह पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन की सब्सिडियरी कंपनी है। आपको बता दें कि स्पेशल परपस व्हीकल को स्पेशल परपस इंटीटी भी कहा जाता है जो कि पैरेंट कंपनी की ओर से वित्तीय खतरों को अलग रखने के लिए बनाया जाता है। टाटा पावर इस ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट को 35 साल तक रख-रखाव करेगी। उम्मीद है कि एसपीवी के ट्रांसफर तारीख से 24 महीने के भीतर प्रोजेक्ट शुरू हो जाएगा। इसके पूरा होने से पावर मंत्रालय के 2030 तक नेशनल ग्रिड में 500 गीगा वाट एनर्जी के इंटीग्रेट करने का लक्ष्य भी पूरा होगा।
(शेयर मंथन, 3 दिसंबर 2023)
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