
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की नीतियों के परिणामस्वरूप भले ही दुनिया अमेरिका में मंदी की आशंका जता रही है, लेकिन खुद ट्रंप इससे इत्तेफाक नहीं रखते। उन्होंने एक विदेशी चैनल को दिए अपने इंटरव्यू में इस बात से इनकार किया कि अमेरिका में मंदी आ सकती है।
‘मंदी की संभावना दूर-दूर तक नहीं’
अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक इंटरव्यू में अमेरिकी अर्थव्यवस्था के मंदी की चपेट में आने की आशंका को सिरे से खारिज कर दिया। एक इंटरव्यू में इस बाबत पूछे गये सवाल पर उन्होंने कहा कि उन्हें इस तरह की भविष्यवाणी करना पसंद नहीं है। ट्रंप ने पहले भी इस बात से इनकार किया है टैरिफ के कारण हालात में कोई भी बदलाव होगा। उनकी हमेशा ये ही दलील रही है कि टैरिफ से अमेरिका को अतिरिक्त आय होगी, जिसका इस्तेमाल देश के विकास और लोगों की भलाई के कामों में किया जाएगा। इसलिए शुल्क को एक खतरे के रूप में नहीं बल्कि अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए।
ट्रंप बोले ये बदलाव का दौर है
अमेरिकी राष्ट्रपति ने ये भी कहा कि वो जो कर रहे हैं वो बहुत बड़ा काम है। ये बदलाव का दौर है, ये बात और है कि इसमें थोड़ा वक्त लग सकता है। जब ट्रंप ने मैक्सिको, कानाडा और चीन के बाद दूसरे देशों परस्पर शुल्क लगाने की बात की थी तब भी उन्होंने यही दलील दी थी वो अमेरिका से बाहर गए पैसे को अमेरिका में वापस लाना चाहते हैं। इसलिए वो चाहे ऑटो कंपनियाँ हों या टेक्नोलॉजी कंपनियाँ, सभी से कह रहे हैं कि वो अमेरिका में अपना प्लांट लगायें। चीजें अमेरिका में बने और वहाँ से पूरी दुनिया में भेजी जायें, न कि दुनिया में बनें और अमेरिका उन्हें इंपोर्ट करे। अगर इसे भारत के परिप्रेक्ष्य में देखें तो प्राधनमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया की तर्ज पर ट्रंप मेक इन अमेरिका को बढ़ावा दे रहे हैं।
अमेरिका में महँगी होंगी चीजें?
अमेरिका के कॉमर्स सेक्रेटरी हॉवर्ड लुटनिक भी ट्रंप की हाँ में हाँ मिलाते दिखे। उन्होंने भी ये ही कहा कि अमेरिका में मंदी की कोई संभावना नहीं है। लेकिन टैरिफ के कारण कुछ चीजों के दाम जरूर बढ़ सकते हैं।
ट्रंप टैरिफ का अमेरिका शेयर बाजार पर असर
टैरिफ को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति की नीतियाँ साफ न होने और उसके संभावित असर की अटकलों का असर बाजार पर साफ दिखायी दे रहा है। अमेरिकी बाजार भी दबाव में दिख रहे हैं। ट्रंप की टैरिफ नीतियों के ऐलान के बाद से अमेरिकी बाजार लगातार गिर रहा है और कभी कभार ही संभलता दिखायी दिया है।
दरअसल जबसे ट्रंप ने कनाडा, मैक्सिको और चीन पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया है तब से वैश्विक बाजार में उथल पुथल मची हुई है। बाजार इस बात को लेकर ज्यादा चिंतित है कि अगर ट्रंप का रैवया ऐसा ही रहा तो आने वाले दिनों में स्थिति क्या होगी? साफ है कि आने वाले दिनों में महँगाई बढ़ेगी। जो हालात बड़ी मुश्किल के संभले थे वो ट्रंप की नीतियों के कारण फिर से बिगड़ जायेंगे। वहीं एलन मस्क के सुझाव से बड़े पैमाने पर सरकारी छंटनी की योजना बनाई जा रही है, जिससे चिंता और बढ़ गई है।
ट्रंप ने कनाडा और मैक्सिको पर 25% और चीन पर अतिरिक्त 10% यानी कुल 20% टैरिफ लगाया है। इसके जवाब में चीन ने भी अमेरिका पर भी 20% टैरिफ लगाया है। अब वो यूरोप पर भी 25% टैरिफ लगाने की तैयारी है, तो यूरोप भी उन्हें उनके लजहे में ही जवाब देने की तैयारी कर रहा है। उसने भी अमेरिकी सामानों की लिस्ट तैयार कर रखी है। अब दुनिया की नजर 2 अप्रैल पर टिकी है जब ट्रंप दुनिया के दूसरे देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगायेंगे। बाजार इस बात की भी आशंका जता रहा है कि वो दिन दूर नहीं जब इन कदमों से दुनिया में टैरिफ वॉर छिड़ जायेगा। वॉरेन बफेट भी कह चुके हैं ट्रंप ने एक तरह के युद्ध की शुरुआत कर दी है।
(शेयर मंथन, 11 मार्च 2025)
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