
निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंकों में से एक इंडसइंड बैंक के शेयर मंगलवार (11 मार्च) को 27% से ज्यादा टूट गये। कारोबारी सत्र की शुरुआत के साथ इस बैंक के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली। इस गिरावट के पीछे प्रमुख कारण डेरिवेटिव पोर्टफोलियो से जुड़ी अनियमितताएँ और नेतृत्व से जुड़ी अनिश्चितताएँ हैं।
बैंक ने यह जानकारी सोमवार को शेयर बाजार बंद होने के बाद एक्सचेंज को दी थी, जिसका असर आज सुबह बाजार खुलने के साथ ही देखने को मिला। इंडसइंड बैंक के शेयर ने आज कारोबार की शुरुआत 4% से अधिक की गिरावट के साथ की और यह 810.45 रुपये के स्तर पर खुला, जो इसका दिन का उच्चतम स्तर भी रहा।
सत्र शुरू होने के साथ स्टॉक के भाव में 20% की गिरावट के बाद लोअर सर्किट लग गया। आज के सत्र में इसके शेयरों का मूल्य 52 हफ्तों के निचले स्तर 649 रुपये पर आ गया। सत्र खत्म होने के समय इस शेयर का मूल्य 656.80 रुपये था। यह निफ्टी पर आज सबसे ज्यादा नुकसान उठाने वाला शेयर भी है। यह मार्च 2020 के कोविड-19 संकट के बाद से इसकी सबसे बड़ी एकदिवसीय गिरावट है।
इस कारण बिखर गया शेयर
इंडसइंड बैंक ने हाल ही में अपने डेरिवेटिव पोर्टफोलियो की आंतरिक समीक्षा में अनियमितताएँ पायीं, जिसके परिणामस्वरूप दिसंबर 2024 तक इसकी संपत्ति (नेट वर्थ) में 2.35% की कमी आने की आशंका है। विश्लेषकों का अनुमान है कि इस वित्तीय नुकसान का आँकड़ा 1,500 से 2,000 करोड़ रुपये के बीच हो सकता है। इंडसइंड बैंक ने सोमवार को एक नियामक फाइलिंग में बताया कि उसने अपने डेरिवेटिव्स पोर्टफोलियो की आंतरिक समीक्षा के दौरान कुछ खातों में गड़बड़ियाँ पायी हैं।
पीडब्लूसी करेगी पुष्टि
आंतरिक समीक्षा में ये प्रभाव दिखने के बाद उसने इसकी पुष्टि के लिए बाहरी एजेंसी पीडब्लूसी को नियुक्त किया है। यह समीक्षा भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी निवेश पोर्टफोलियो संबंधी दिशानिर्देशों के अनुपालन में की गई थी, जिसमें अन्य संपत्ति और अन्य देनदारी खातों पर ध्यान दिया गया था। इसके अलावा बैंक की माइक्रोफाइनेंस ऋण में ज्यादा हिस्सेदारी के कारण भी जोखिम बढ़ा है।
बैंक मजबूत, झटके से बाहर निकलने में सक्षम
बैंक के प्रवर्तक अशोक हिंदुजा ने एक निजी चैनल को दिये साक्षात्कार में भरोसा जताया है कि बैंक इस समस्या से बाहर निकल जायेगा। बैंक के एक अन्य प्रवर्तक सुभाष हिंदुजा ने कहा कि बैंक पूरी तरह से मजबूत है और आवश्यकता होने पर प्रवर्तक नयी पूँजी देने के लिए भी तैयार हैं। उन्होंने बताया कि बैंक का पूँजी पर्याप्तता अनुपात 15% से अधिक है। बैंक ने यह भी दावा किया कि उसकी लाभ कमाने की क्षमता इतनी है और उसके पास इतनी पर्याप्त नकदी है कि वह आराम से एक बार में इस झटके को सह सकता है।
निवेशकों का डर दूर करने का प्रयास रहा नाकाफी
बैंक ने निवेशकों का डर दूर करने का भी प्रयास किया है, लेकिन वह नाकाफी साबित हुआ है। बैंक के सीईओ सुमंत कथलिया ने देर रात कॉन्फ्रेंस कॉल में कहा कि यह समस्या सितंबर और अक्टूबर 2024 में नये बैंकिंग नियम लागू होने के बाद सामने आयी।
कई ब्रोकरेज ने घटायी रेटिंग
कई ब्रोकरेज हाउस ने इस घटना के बाद इंडसइंड बैंक के लिए अपनी रेटिंग में बदलाव किया है। नुवामा ने इंडसइंड बैंक स्टॉक को रिड्यूस रेटिंग दी और इसका लक्ष्य मूल्य 750 रुपये निर्धारित किया। दूसरी ओर, मोतीलाल ओसवाल ने इसे न्यूट्रल रेटिंग दी और लक्ष्य मूल्य को 925 रुपये तक घटा दिया। एमके ग्लोबल ने भी स्टॉक को डाउनग्रेड करते हुए 875 रुपये का लक्ष्य मूल्य दिया। विशेषज्ञों का कहना है कि सामने आयी घटना का असर बैंक की चौथी तिमाही के परिणामों पर पड़ेगा और यह निवेशकों की भावनाओं को प्रभावित करेगा।
पहले से दबाव में है इंडसइंड बैंक का शेयर
इंडसइंड बैंक का शेयर नेतृत्व की अनिश्चितताओं को लेकर पहले से दबाव में है। हाल ही में बैंक के सीईओ सुमंत कथपालिया को आरबीआई से केवल एक साल का कार्यकाल विस्तार मिला है। आम तौर पर यह विस्तार 3 साल के लिए मिलता है। इसने भी नेतृत्व की स्थिरता को लेकर निवेशकों की चिंतायें बढ़ा दी हैं। इंडसइंड बैंक का शेयर बीते 5 दिनों में करीब 35% गिरा हुआ है। वहीं यह शेयर 1 महीने में करीब 38% और 6 महीने में करीब 54% गिरा हुआ है।
(शेयर मंथन, 11 मार्च 2025)
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