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अनुमानों से बेहतर रही दूसरी तिमाही की विकास दर: इडेलवाइज

इडेलवाइज ने अपनी रिपोर्ट में कारोबारी साल 2008-2009 की दूसरी तिमाही के दौरान भारत के सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर को अनुमानों से बेहतर माना है। भारत के सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर स्वयं इडेलवाइज के 7.4% और बाजार के 7.2% के अनुमानों से कहीं बेहतर 7.6% दर्ज की गयी थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि कारोबारी साल 2008-09 की आगे आने वाली दो तिमाहियों के लिए भी विकास दर के कमजोर रहने की ही संभावना है। इडेलवाइज ने कारोबारी साल 2008-09 के लिए सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर के 7.8% के आसपास रहने का अनुमान लगाया था, लेकिन अब इसने नवंबर 2008 में इसे संशोधित कर 7.4% कर दिया है।

जेट एयरवेज में बने रहें : सेंट्रम

मौजूदा भाव – 130 रुपये
सलाह - रखें
 

स्टॉक ब्रोकिंग फर्म सेंट्रम ने जेट एयरवेज के शेयरों में बने रहने की सलाह दी है। मौजूदा समय में कंपनी के शेयरों का भाव 130 रुपये है। अभी हाल ही में मुंबई में घटित हुई आतंकी घटना जेट एयरवेज के लिए एक चुनौती है। जेट एयरवेज को इस घटना के बाद यात्रियों को आकर्षित करने की रणनीति बनानी होगी।

मारुति सुजुकी इंडिया की बिक्री घटी, शेयरों में गिरावट

नवंबर 2008 में भारत की दिग्गज कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी की बिक्री में पिछले साल के नवंबर महीने की तुलना में 24.4% की गिरावट आयी है। नवंबर 2007 के 69,699 कारों के मुकाबले इस साल नवंबर महीने में कंपनी 52,711 कारें बेचने में ही कामयाब हो पायी। कंपनी के लोकप्रिय मॉडल एम800 की बिक्री में 59% से अधिक की गिरावट दर्ज की गयी है, हालांकि कंपनी के कारों का निर्यात नवंबर 2008 में 11.7% बढ़ा है। बिक्री में दर्ज की गयी गिरावट का साफ असर कंपनी के शेयरों पर देखा जा रहा है।

इंडिया इन्फोलाइन के निदेशक मंडल ने शेयरों की पुनर्खरीद को मंजूरी दी

इंडिया इन्फोलाइन लिमिटेड के निदेशक मंडल ने इक्विटी शेयरों की पुनर्खरीद (बाय-बैक) को मंजूरी दे दी है। इस सूचना के बाद सुबह 11.05 बजे बीएसई में इंडिया इन्फोलाइन के शेयर 4.5% की मजबूती के साथ 37.50 रुपये पर चल रहे हैं। कंपनी ने बाय-बैक के लिए 98.91 करोड़ रुपये निर्धारित किये हैं और बाय-बैक किये जाने वाले शेयरों के लिए 43.20 रुपये की अधिकतम कीमत तय की है।

तो अब प्रधान (वित्त) मंत्री

राजीव रंजन झा

पिछले हफ्ते मुंबई पर भीषण आतंकवादी हमले का एक ऐसा भी नतीजा निकल कर आया है, जिसके बारे में लोगों ने पहले सोचा भी नहीं होगा। पलनिअप्पन चिदंबरम गृह मंत्रालय में विराजमान हो गये हैं और खुद प्रधानमंत्री अब वित्त मंत्री की भूमिका में भी आ गये हैं। चिदंबरम बतौर गृह मंत्री कैसे साबित होंगे, यह एक अलग प्रश्न है। लेकिन बाजार के सामने सबसे ज्यादा असमंजस में डालने वाला प्रश्न यह है कि चिदंबरम के जाने का शोक मनाया जाये या सीधे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के हाथ में वित्त मंत्रालय के आने की खुशी मनायी जाये!

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