रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स (Fitch Ratings) ने भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अपने नजरिये की समीक्षा है।
फ्रांस को पछाड़ कर भारत दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है।
रजनीश कुमार, चेयरमैन, भारतीय स्टेट बैंकआरबीआई ने रेपो दर में 0.25% अंक (25 बीपीएस) की कटौती का जो फैसला किया है, वह बाजार की अपेक्षाओं के अनुरूप ही है।
बी. प्रसन्न, प्रमुख - ग्लोबल मार्केट ग्रुप, आईसीआईसीआई बैंकभारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का यह फैसला समझदारी भरा और सराहनीय है।
2018 की जनवरी-मार्च तिमाही में भी भारत तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के मामले में चीन से आगे रहा।
देश के प्रमुख उद्योग संगठन भारतीय उद्योग परिसंघ (Confederation of Indian Industry) ने वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की विकास दर यानी जीडीपी बढ़ने की दर -0.9% से 1.5% के दायरे में रहने की संभावना जतायी है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की ओर से जारी आँकड़ों के अनुसार दो तिमाहियों तक नकारात्मक रहने के बाद अक्टूबर-दिसंबर 2020 की तिमाही में भारत की विकास दर सकारात्मक हो गयी है। इस शुभ समाचार के पंचसूत्र :
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की ओर से जारी आँकड़ों के अनुसार दो तिमाहियों तक नकारात्मक रहने के बाद अक्टूबर-दिसंबर 2020 की तिमाही में भारत की विकास दर सकारात्मक हो गयी है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने चालू वित्त वर्ष की अंतिम द्वि-मासिक समीक्षा में रेपो रेट में 25 आधार अंको की कटौती की है।
इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की विकास दर (जीडीपी वृद्धि दर) का अनुमान 7.4% से घटा कर 7.2% कर दिया है।
रेटिंग एजेंसी मूडीज (Moody's) ने 2019 के लिए भारत की अनुमानित विकास दर घटा दी है।
रेटिंग एजेंसी मूडीज (Moody's) ने कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रभावों के मद्देनजर वर्ष 2020 के लिए भारत की विकास दर के अनुमान में एक बार फिर से कटौती कर दी है।
रेटिंग एजेंसी मूडीज (Moody's) ने 2019 के लिए भारत की अनुमानित विकास दर में एक बार फिर से कटौती कर दी है।
वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने बुधवार (01 मार्च 2023) को भारत के आर्थिक विकास अनुमानों को बढ़ा दिया। उसने 2023 में भारत की वृद्धि दर 5.5% और 2024 में 6.5% रहने का अनुमान जताया है।
विश्व बैंक (World Bank) ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की विकास दर (जीडीपी वृद्धि दर) का अनुमान 7.5% से घटा कर 6% कर दिया है।
भारत के जीडीपी विकास की दर (GDP growth) की दर के फिसलने का सिलसिला रुक नहीं रहा है।
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष डी. के. अग्रवाल ने विकास दर के ताजा आँकड़ों पर कहा है कि भले ही जीडीपी वृद्धि दर बीती तिमाही में काफी तीखे ढंग से घट कर 4.5% पर आ गयी है, बीते कुछ महीनों में किये गये कई सुधारों से देश में विकास फिर से तेज होगी।
कारोबारी साल 2019-20 की दूसरी तिमाही में जीडीपी (GDP) के कमजोर आँकड़ों पर उद्योग जगत ने चिंता तो जतायी है, लेकिन इसे अनपेक्षित नहीं बताया है।
प्रमुख रेटिंग एजेंसी क्रिसिल (Crisil) का मानना है कि देश में खुदरा महँगाई दर यानी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स या सीपीआई) के बढ़ने की दर में सर्दियों के मौसम में कुछ राहत मिल सकेगी, हालाँकि इसके बावजूद यह आरबीआई के सहन-सीमा के ऊपर ही रहेगी।
Page 3 of 4