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टीसीएस (TCS) में मुनाफा समेटने का समय

राजीव रंजन झा : देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने 2013-14 की पहली तिमाही के अपने कारोबारी नतीजों से पूरे बाजार को प्रसन्न कर दिया और यह खुशी शुक्रवार को टीसीएस के शेयर में आयी 5% की उछाल में खुल कर छलकी भी।
लेकिन इस खुशी के मौके पर अगर आप मुनाफा समेट कर घर ले आयें तो शायद यह खुशी ज्यादा टिकाऊ हो जाये। कहीं ऐसा न हो कि कुछ दिनों बाद आप याद करते रहें कि टीसीएस में बड़ा फायदा हो रहा था, पर हम समय पर बेच नहीं पाये। मैं नहीं जानता कि सोमवार को टीसीएस का शेयर शुक्रवार का उत्साह कायम रखेगा और इन स्तरों से आगे बढ़ेगा या इन्हीं स्तरों के पास से फिसलने लगेगा। लेकिन आखिर बाजार में हर कोने से टीसीएस के लिए अच्छी बातें सुनने को मिल रही हैं। तमाम देशी-विदेशी ब्रोकिंग फर्मों ने तिमाही नतीजों के बाद इसके लक्ष्य भाव ठीक-ठाक बढ़ाये हैं। फिर अभी क्यों इसे बेचा जाये? उन कारणों का बात करूँगा, लेकिन पहले यह साफ कर दूँ कि टीसीएस में मुनाफा ले लेने की बात केवल छोटी अवधि के कारोबारियों के लिए है। जो लोग इसे लंबी अवधि के लिए अपने निवेश पोर्टफोलिओ का हिस्सा बना कर चल रहे हैं, वे तो बस अपने अच्छे चुनाव के लिए खुद को शाबाशी दें और मस्त रहें! उन्हें टीसीएस बेचने की कोई जरूरत नहीं है।
अब बात कारोबारियों के लिए मुनाफावसूली की। जनाब, एक महीने से कम समय में 27% का मुनाफा मिल चुका हो तो और क्या चाहिए? इतने पर भी संतोष नहीं? यह 25 जून को 1381 के निचले स्तर तक गया था। उसकी तुलना में शुक्रवार 19 जुलाई का ऊपरी स्तर 1759 रहा, यानी एक महीने से भी कम 378 रुपये या 27% की बढ़त आ चुकी है।
हालाँकि कुछ लोग कहेंगे कि जब टीसीएस ने वापस पलटने का कोई रुझान अभी दिखाया ही नहीं, तो क्यों अभी इससे बाहर निकला जाये? क्यों न अपने मुनाफे को और बढ़ने दिया जाये? वाजिब सवाल है। आप चाहें तो इस रणनीति पर चल सकते हैं, लेकिन शर्त यह है कि आप लगातार दिन भर बाजार पर नजर रख सकते हों और बाजार खुले रहने के दौरान अपनी पैनी नजर से यह समझ सकते हों कि चलो अब इसने वापस पलटना शुरू कर दिया।
खैर, मैं केवल महीने भर में 27% मुनाफा देख कर ही मुनाफावसूली की बात नहीं कर रहा। साथ में जरा इन बातों पर भी गौर कर लें। टीसीएस ने 18 दिसंबर 2012 को 1197 की तलहटी बनायी थी। इसके बाद यह 7 मार्च 2013 को 1598 के शिखर तक गया, यानी इसने 401 रुपये की उछाल भरी। इसके बाद यह पलट कर अप्रैल में 1365 तक लौटा। अगर दिसंबर-मार्च की उछाल की बराबरी के लिहाज से 1365 से फिर 401 रुपये की तेजी मानें, तो इसका लक्ष्य 1766 का बनता है। शुक्रवार 19 जुलाई को इसने 1759 तक जाकर यह लक्ष्य छू ही लिया है। जब एक बड़ा पूरा लक्ष्य हासिल हो रहा हो तो मुनाफा घर ले आना ही समझदारी है।
दूसरी बात यह है कि अक्टूबर 2011 से अब तक टीसीएस ने जितने शिखर बनाये हैं, उन्हें मिलाने से बन रही रुझान रेखा (ट्रेंड लाइन) को टीसीएस ने शुक्रवार को छू लिया। न केवल छू लिया, बल्कि इसे पार कर के कुछ ऊपर तक चला गया। अब पहली नजर में तो ये सकारात्मक बात है कि इसने पौने दो साल से चल रही ऊपर चढ़ती रुझान रेखा को पार कर लिया है। इसे नयी चाल (ब्रेकआउट) के तौर पर देखा जा सकता है। लेकिन किसी तेज रुझान रेखा पर ऊपर की नयी चाल बने, यह बात आम तौर पर कम ही होती है। अगर अगले कुछ दिनों में यह शेयर इस रुझान रेखा के ऊपर टिका रह जाये तो फिर से सोचेंगे, पर फिलहाल इसे एक लक्ष्य पूरा होने के तौर पर ही देखना बेहतर लग रहा है। अगले हफ्ते अगर यह इस रेखा के नीचे फिसलता दिखे तो यह राय और पुख्ता होगी।
बेशक टीसीएस की कुछ लंबी अवधि की संरचनाएँ इसके लिए नये ऊपरी लक्ष्य भी दिखाती हैं। इसने अक्टूबर 2008 में 208 रुपये की तलहटी बनायी थी, जहाँ से काफी लंबी उछाल के बाद यह अप्रैल 2011 में 1247 तक चढ़ा। उसके बाद यह अगस्त 2011 में 902 तक लौटा। इस उतार-चढ़ाव में 100% फिबोनाची विस्तार देखें तो 1941 का लक्ष्य मिलता है। उसके बाद 138.2% विस्तार 2338 पर और 161.8% विस्तार 2584 पर है। अगले कुछ सालों में टीसीएस इन लक्ष्यों की ओर भी बढ़ेगा, लेकिन उससे पहले एक नरमी तो आयेगी ना। अभी वैसी नरमी के लिए यह एक सटीक जगह पर खड़ा है।
जरा गौर करें कि इससे पहले अप्रैल 2012 की तलहटी से सितंबर 2012 के शिखर 1440 तक चढ़ने और फिर दिसंबर 2012 में 1197 तक गिरने की संरचना में 100% विस्तार का लक्ष्य 1589 बनता था। ऊपर हम देख चुके हैं कि मार्च 2013 में टीसीएस ने 1598 का शिखर बनाया, यानी उस 100% विस्तार को छू लेने के बाद पलट गया। इस समय एक बार फिर यह वैसी ही स्थिति में है।
अब भी मुनाफावसूली से हिचक बाकी है? ठीक है, अगर यह अगले कुछ दिनों में 1700 के नीचे न जाये और 1759 के ऊपर जाकर मजबूती दिखाये तो फिर बने रहिए इसमें। लेकिन अगर यह 1700-1685 के नीचे जाये तो समझ लें कि यह 1610 और फिर 1565 की ओर जाने की तैयारी में है। Rajeev Ranjan Jha 
(शेयर मंथन, 22 जुलाई 2013)

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