
देश की सबसे बड़ी गैस कंपनी गेल यानी गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड ने निजी क्षेत्र की दिवालिया केमिकल कंपनी जेबीएफ (JBF) पेट्रोकेमिकल में 2100 करोड़ रुपये की पूंजी डाली है। गेल ने बैंकरप्सी प्रक्रिया के तहत जेबीएफ पेट्रोकेमिकल का अधिग्रहण किया है। गेल को मार्च में बैंकरप्सी कोर्ट से जेबीएफ के अधिग्रहण के लिए मंजूरी मिली थी।
स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में गेल ने कहा कि कंपनी ने 2101 करोड़ रुपये की पूंजी जेबीएफ में डाली है। इसमें 625 करोड़ रुपये इक्विटी के तौर पर जबकि बाकी के 1476 करोड़ रुपये कर्ज के तौर पर डाले हैं। कंपनी ने यह रकम बैंकरप्सी रिजॉल्यूशन योजना के तहत डाले हैं। इसके अनुसान 1 जून 2023 से जेपीएफ गेल की सब्सिडियरी कंपनी बन गई है। गेल ने रिजॉल्यूशन योजना के तहत इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन और ओएनजीसी (ONGC) यानी ऑयल ऐंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन के कंसोर्शियम की ओर से लगाई गई बोली से ज्यादा की बोली लगाई थी। आईडीबीआई (IDBI) बैंक की 5628 करोड़ रुपये की रिकवरी यानी वापसी के लिए दिवालियापन प्रक्रिया शुरू की गई थी। फाइनेंशियल और ऑपरेशनल क्रेडिटर्स (लेनदार) के बकाए के भुगतान के लिए यह प्रक्रिया शुरू की गई थी। जेबीएफ पेटकेम का गठन 2008 में हुआ था। इसके तहत 12.5 लाख टन सालाना प्योरिफाइड टेरेप्थैलिक एसिड के उत्पादन क्षमता वाले इकाई लगाया जाना था। इसका निर्माण मंगलोर स्पेशल इकोनॉमिक जोन यानी विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) में किया जाना था। इसके लिए आईडीबीआई (IDBI) और दूसरे बैंकों ने पीटीए (PTA) इकाई लगाने के लिए 60.38 करोड़ अमेरिकी डॉलर की रकम कर्ज के तौर पर दी थी। इसके अलावा ब्रिटिश पेट्रोलियम से 50000 टन मासिक क्षमता वाले paraxylene यानी पाराजाइलिन के लिए तकनीकी मदद भी दी गई थी। paraxylene की आपूर्ति राज्य की कंपनी ओएमपीएल (OMPL) से की जानी थी।
(शेयर मंथन 4 जून, 2023)
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