
रामकृष्ण फोर्जिंग और टीटागढ़ वैगन्स के कंसोर्शियम ने फोर्ज्ड व्हील के उत्पादन और आपूर्ति के लिए सबसे कम बोली लगाई है। यह फोर्ज्ड व्हील भारतीय रेलवे को आपूर्ति किया जाना है। आपको बता दें कि रामकृष्ण फोर्जिंग रोल्ड, फोर्ज्ड और मशीन उत्पादों के निर्माण से जुड़े कारोबार में है।
रामकृष्ण फोर्जिंग और टीटागढ़ वैगन्स के कंसोर्शियम को भारतीय रेलवे की ओर से फोर्ज्ड व्हील की आपूर्ति के लिए सबसे कम बोली लगाने के आधार पर चयनित किया गया है। इन दोनों कंपनियों के कंसोर्शियम को 'आत्मनिर्भर भारत' की पहल के तहत फोर्ज्ड व्हील की आपूर्ति के लिए चुना गया है। जैसा कि आपको पता है कि हाल ही में केन्द्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने कहा ऐलान किया था कि भारतीय रेल आयत पर निर्भरता कम करेगी।इसके लिए भारतीय कंपनियों को व्हील के उत्पादन के लिए इकाई लगानी होगी। इन इकाइयों से सेमी हाई स्पीड ट्रेन जैसे वंदे भारत और हाई स्पीड ट्रेन जैसे बुलेट ट्रेन के लिए व्हील का निर्माण किया जाएगा। भारतीय रेल का फोकस वृद्धि के साथ 'मेक इन इंडिया' नीति पर जोर देना है। भारतीय रेल सरकार के 'आत्मनिर्भर भारत' की पहल के तहत यह कदम उठा रही है। सबसे कम बोली लगाने के बाद कंपनी को एक व्हील टेस्ट सेंटर लगाना होगा जहां पर नए तरीके से डिजाइन किए गए व्हील की प्रोटोटाइप टेस्टिंग होगी। दोनों कंपनियों का कंसोर्शियम भारत में स्टेट ऑफ द आर्ट मैन्युफैक्चरिंग इकाई लगाएगी जहां से फोर्ज्ड व्हील के उत्पादन के साथ आपूर्ति को सुनिश्चित किया जा सके। कंसोर्शियम को अलग-अलग रोलिंग स्टॉक्स के लिए 16 लाख व्हील डिस्क की आपूर्ति करनी है। अगले 20 साल में करीब 80000 व्हील सालाना आपूर्ति करनी होगी। टीटागढ़ वैगन्स का शेयर बीएसई (BSE) पर 0.93% चढ़ कर 244.0 5रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ। वहीं रामकृष्ण फोर्जिंग का शेयर बीएसई (BSE) पर 5.99% चढ़ कर 281.35 रुपये प्रति शेयर बंद हुआ।
(शेयर मंथन, 15 मार्च, 2023)
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