इन्फोसिस के नतीजों से बाजार को सहारा नहीं
अरविंद पृथी, ब्रोकिंग हेड (दिल्ली), कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग
मेरे विचार में भारतीय शेयर बाजार छोटी अवधि के लिए कमजोरी की गिरफ्त में हैं, क्योंकि बाजार के सामने सकारात्मक बातों का अभाव है। आगे आने वाले कई कारोबारी सत्रों में बाजारों के एक निश्चित दायरे में रहने का अनुमान है।
वैसे तो विभिन्न कंपनियों के दिसंबर तिमाही के नतीजे बाजार की भावना में शामिल हैं, लेकिन यदि ये कारोबारी नतीजे अनुमानों से भी खराब आये, तो भारतीय शेयर बाजारों की गिरावट और बढ़ सकती है। यह बाजार निवेशकों का नहीं, बल्कि कारोबारियों का बाजार है। ऐसे में सलाह यही है कि बाजार में आयी हर तेजी का इस्तेमाल मुनाफावसूली के लिए किया जाये और बाजार में हर गिरावट में खरीदारी की जाये।
देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इन्फोसिस के तिमाही नतीजे बाजार की उम्मीदों से काफी बेहतर निकले हैं। यही नहीं, कंपनी ने पूरे कारोबारी साल के लिए जो अनुमान सामने रखे हैं, उन्हें भी निराशाजनक नहीं कहा जा सकता है। कंपनी ने 2008-09 के दौरान अपनी आमदनी 21,552-21,757 करोड़ रुपये के दायरे में रहने का अनुमान जताया है, जो सालाना आधार पर 29.1-30.3% की बढ़ोतरी दिखाता है।
सत्यम कंप्यूटर के नये बोर्ड ने अपनी पहली बैठक में यह फैसला किया है कि अगले 48 घंटों के भीतर अपना नया स्वतंत्र ऑडिटर नियुक्त करेगी। साथ ही यह भी संकेत दिया गया है कि सरकार जल्दी ही बोर्ड में कुछ नये सदस्यों को नामांकित कर सकती है। यह जानकारी आज बोर्ड की बैठक पूरी होने के बाद डॉ.दीपक पारिख, किरण कर्णिक और सी अच्युतन ने संवाददाता सम्मेलन में दी। केंद्र सरकार ने कल ही तीन सदस्यों वाले नये बोर्ड का गठन किया था। इसके बाद आज यह बोर्ड की पहली बैठक थी।
फिक्की ने कहा है कि नवंबर के औद्योगिक आँकड़े इस बात का विश्वास जगाते हैं कि अर्थव्यवस्था में दिख रहे धीमेपन को काबू में किया जा सकता है। फिक्की ने छोटे और मँझोले उद्यमों के लिए विशेष सहायता दिये जाने की माँग करते हुए कहा है कि उचित दरों पर कर्ज की अनुपलब्धता की वजह से इस क्षेत्र पर बुरा असर पड़ा है। फिक्की महासचिव डॉक्टर अमित मित्रा ने कहा है कि सरकार द्वारा दी गयी राहत योजनाओं का अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर पड़ रहा है। उन्होंने यह सुनिश्चित करने की माँग की है कि राहत योजना के प्रावधानों को प्रभावी तरीके से लागू किया जाये।