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फिर निफ्टी (Nifty) की कहानी 5970-6000 पर अटकी

राजीव रंजन झा : कभी-कभी बाजार की चाल कुछ ऐसी होती है कि आप अपने विश्लेषण को भूल कर बस सम्मोहित ढंग से बाजार को निहारते रह जाते हैं।
पिछले कुछ दिनों में मेरे साथ ऐसा ही होता रहा है। इसने पहले 5971 की बाधा तोड़ी। मेरा आकलन था कि निफ्टी (Nifty) के लिए 5970-6000 के दायरे को पार करना और पार करने के बाद भी उसके ऊपर टिकना मुश्किल होगा। लेकिन बाजार की चाल कुछ ऐसी थी कि इसने बेहद मजबूत रहे इस बाधा क्षेत्र को यूँ पार कर लिया, मानो इस बाधा का कोई अस्तित्व ही नहीं था। जब बाजार की चाल ऐसी हो, तो आप इसे निहारते रहने के अलावा और क्या कर सकते हैं!
फिर बीते शनिवार को निफ्टी ने जनवरी 2013 के शिखर 6112 को भी छू लिया और उससे तीन अंक ऊपर 6115 तक चला गया। जनवरी से बाजार लगातार निचले शिखर और निचली तलहटियाँ बनाता चल रहा था, लेकिन जब इसने 5971 पार किया तो ठीक पिछला निचला शिखर पार हो गया। उसके बाद जब जनवरी 2013 का शिखर भी इसने छू लिया तो यह मानना बड़ा स्वाभाविक हो चला था कि अब बाजार ने मध्यम अवधि के लिए भी रुझान बदल लिया है। तमाम मूविंग एवरेज, चाहे छोटी अवधि के हों या लंबी अवधि के, सबके सब 10 अप्रैल से शुरू होने वाली तेज उछाल के चलते मजबूती के संकेत देने ही लगे थे। ऐसे में बाजार आपको मजबूर कर रहा था कि आप इसकी मूलभूत परिस्थितियों को देखना छोड़ कर केवल इसकी चाल देखते जायें।
मूलभूत परिस्थितियों के दो पहलू हैं। अर्थव्यवस्था की स्थिति न केवल अभी डाँवाडोल है, बल्कि वापस इसमें सुधार का चक्र शुरू होने के भी संकेत नहीं हैं। यहाँ से अगली कुछ तिमाहियों में विकास दर फिर से बढ़ती दिखेगी, यह उम्मीद करने का कोई स्पष्ट कारण हमारे सामने नहीं है। इसलिए भले ही विकास दर को हम तलहटी के करीब मानें, लेकिन स्थिति वापस सँभलने की उम्मीद नहीं दिख रही।
दूसरा पहलू राजनीतिक अनिश्चितता का है। कर्नाटक में कांग्रेस की स्पष्ट जीत के बाद शायद बाजार में कुछ लोग अगले लोकसभा चुनाव को लेकर पहले से कम चिंतित हों। लेकिन मेरे विचार से लोकसभा चुनाव के बाद की संभावनाएँ अब भी उतनी ही अस्पष्ट हैं। कांग्रेस को पहले की तुलना में नुकसान, लेकिन भाजपा के लिए मंजिल दूर – ऐसे में लोकसभा चुनाव के बाद राजनीतिक अनिश्चितता पैदा होने की काफी संभावना बनती है।
एक तरफ आर्थिक स्थिति को लेकर ज्यादा भरोसा नहीं और दूसरी ओर राजनीतिक अनिश्चितता। अगर दोनों में से केवल एक ही पहलू हो तो शायद बाजार उसे नजरअंदाज करके आगे बढ़ सकता है। लेकिन इन दोनों दबावों के साथ बाजार के लिए एक सीमा से आगे जाना मुश्किल है। यह सीमा मुझे निफ्टी के लिए 5970-6000 के स्तर पर दिख रही थी। बाजार इससे आगे गया, लेकिन दिलचस्प ढंग से यह वापस 5970-6000 के आसपास लौट आया है।
पिछले दिन की तीखी गिरावट के बाद निफ्टी ने वापस एक उछाल दर्ज करके हरे निशान में रहने की कोशिश की है। शुरुआती कारोबार में ऐसा लग रहा है कि यह सोमवार के निचले स्तर 5972 के पास सहारा ले रहा है। लेकिन इस स्तर पर नजर रखें। इसके नीचे जाने पर बिकवाली का दबाव बढ़ेगा। दूसरी ओर 6115 पार होने के बाद ही बाजार में और ऊपरी स्तरों की उम्मीद की जा सकेगी, उससे पहले नहीं। लेकिन वैसा हो गया तो इसकी गाड़ी करीब 6300 से पहले रुकेगी भी नहीं। Rajeev Ranjan Jha
(शेयर मंथन, 14 मई 2013)

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