
भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई (RBI) ने सरकारी बैंक इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) पर जुर्माना लगाया है। आरबीआई (RBI) ने बैंक पर 2.20 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। आईओबी (IOB) पर नियमों के उल्लंघन के मामले में जुर्माना लगाया है। बैंक पर आय की पहचान यानी (Income Recognition) और दूसरे नियामकीय नियमों के उल्लंघन शामिल है।
जुर्माने की वजह भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से जारी किए गए दिशानिर्देशों के कुछ प्रावधानों का उल्लंघन रहा है। इसके अलावा संपत्तियों का वर्गीकरण, एडवांसेज से जुड़े प्रोविजन, एनपीए खातों में डायवर्जेंस शामिल है। इसके अलावा एटीएम (ATM) में (MiTM) मैन इन द मिडिल से जुड़े दिशानिर्देश के उल्लंघन का भी आरोप है। आरबीआई ने कहा कि सेंट्रल बैंक की ओर से की गई यह कार्रवाई रेगुलेटरी कंप्लायंस के उल्लंघनके कारण लगाया गया है। जुर्माने के पीछे इरादा ग्राहकों का बैंकों के साथ किसी लेनदेन को लेकर किए गए समझौते की मान्यता को लेकर नहीं है। स्टैचुएटरी इन्सपेक्शन फॉर सुपरवाइजरी इवैल्युएशन ऑफ द बैंक यानी यानी आईएसई (ISE) 2021 के तहत आरबीआई ने वित्तीय स्थिति की जानकारी के लिए की थी। चेन्नई आधारित इस बैंक ने 2020-21 के दौरान घोषित मुनाफे का न्यूनतम 25 फीसदी रकम अनिवार्य तौर पर पर ट्रांसफर नहीं कर पाई थी।
जांच के दौरान किए डायवर्ज किए गए एनपीए और बैंक की ओर से दी गई जानकारी में अंतर देखने को मिला। इसके अलावा ग्राहकों के एटीएम (ATM) से हुए लेनदेन यानी ट्रांजैक्शन से जुड़े कम्युनिकेशन को एंडटूएंड एनक्रिप्शन यानी सुरक्षित रखने में असफल रही है। बैंक यह सुविधा तय समय के भीतर करने में असफल रही। इससे पहले बैंक को दो कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था जिसमें नियमों के उल्लंघन पर
जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाए यह पूछा गया था।
(शेयर मंथन 3 जून, 2023)
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