कच्चे तेल की कीमतों के एक बड़े दायरे में कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 3,070 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 2,940 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
कच्चे तेल की कीमतों में तेजी बरकरार रहने की संभावना है।
20 दिनों के अंतराल के बाद सोमवार को पेट्रोल, डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी देखी गयी है।
कच्चे तेल की कीमतें 3,680-3,760 रुपये के दायरें कारोबार कर सकती है। पिछले हफ्ते अमेरिकी कच्चे तेल भंडार में गिरावट हुई है, जबकि गैसोलीन और डिस्टीलेट के भंडार में बढ़ोतरी हुई।
वित्त वर्ष 2017-18 के मुकाबले वित्त वर्ष 2018-19 में देश के कच्चे तेल उत्पादन में 4% से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गयी है।
सरकारी तेल-गैस कंपनी हिंदुस्तान पेट्रोलियम (Hindustan Petroleum) के शेयर में आज 8% से ज्यादा की उछाल आयी है।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों के रुझान पर कच्चे तेल की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है।
शुक्रवार को समाप्त हुए कारोबारी सप्ताह में कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट आयी।
अमेरिका की तरफ से आपूर्ति बढ़ने से गुरुवार को तेल की कीमतों में 1% की गिरावट आते हुए देखी गयी।
कच्चे तेल की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ सीमित दायरे में रहने की संभावना है।
कच्चे तेल के शीर्ष निर्यातक सऊदी अरब ने कहा कि वह कच्चे तेल के निर्यात को घटाएगा और उत्पादन में भारी कटौती भी करेगा।
कच्चे तेल की कीमतें 3,660-3,730 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं।
कच्चे तेल की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ सीमित कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 3,870 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 3,780 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
अमेरिकी कच्चे तेल की कीमतों में शुक्रवार को तेजी देखी गयी, जिसमें पिछले सत्र में गिरावट देखी गयी थी।
गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए में 9 पैसे की मजबूती आते हुए देखी गयी।
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