न्यूयार्क फेडरल रिजर्व बैंक के अध्यक्ष टिमोथी गिथनर को भावी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा अपना वित्त सचिव नियुक्त किये जाने की संभावना की खबर आने के बाद शुक्रवार को अमेरिकी बाजारों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। अमेरिकी अर्थव्यवस्था के मौजूदा हालात से चिंतित निवेशकों ने, जो वर्तमान वित्त सचिव के तरीकों से संतुष्ट नहीं हैं, इसे बेहतर बनाने की मुख्य जिम्मेदारी गिथनर को दिये जाने के समाचार के प्रति उत्साहजनक प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिसकी वजह से डॉव जोंस में 6.5% से अधिक की मजबूती देखने को मिली। नैस्डैक कंपोजिट में भी 5% से अधिक बढ़त दर्ज की गयी।
सात दिनों की लगातार गिरावट के बाद आज कारोबारी हफ्ते के अंतिम दिन भारतीय शेयर बाजारों ने अच्छी बढ़त दर्ज की। शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स 464 अंक यानी 5.49% की बढ़त के साथ 8,915 पर बंद हुआ। एनएसई का निफ्टी भी 140 अंक यानी 5.50% की तेजी के साथ 2693 पर बंद हुआ। आज की तेजी में सबसे ज्यादा योगदान पावर, तेल और गैस, कैपिटल गुड्स, टीईसीके, पीएसयू, आईटी और बैंकिंग क्षेत्रों का रहा। बीएसई में इन सभी क्षेत्रों के सूचकांक तकरीबन 4.5-6.2% की उछाल के साथ बंद हुए।
आज सीएनएक्स मिडकैप ने हल्की बढ़त रही। इसी तरह बीएसई का मिडकैप सूचकांक और स्मॉलकैप सूचकांक भी हल्की तेजी के साथ बंद हुआ। यदि सेंसेक्स के शेयरों की बात करें, तो स्टरलाइट इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी, मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, आईसीआईसीआई बैंक और विप्रो ने उछाल दर्ज की। लेकिन डीएलएफ, जयप्रकाश एसोसिएट्स, एसीसी और टाटा पावर में गिरावट रही।सलिल शर्मा, पार्टनर, कपूर शर्मा एंड कंपनी
अंतरराष्ट्रीय बाजारों से मिल रहे कमजोर संकेतों के मद्देनजर आज भारतीय बाजारों में भी कमजोरी रहने की संभावना है। कल निफ्टी 2,500 के स्तर को बरकरार रखने में कामयाब हो गया था, लेकिन यदि आज यह स्तर टूट जाता है, तो फिर यह 2,200 के स्तर को परखेगा। यह जरूरी नहीं है कि ऐसा आज ही हो जाये, लेकिन आने वाले कुछ सत्रों में यह हो सकता है। चूंकि हम अपने सारे संकेत अंतरराष्ट्रीय बाजारों से ही ले रहे हैं, इसलिए यहाँ भी वापसी की उम्मीद तभी की जा सकती है, जब अंतरराष्ट्रीय बाजारों में वापसी के संकेत मिलेंगे।
2.30: सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव जारी है। इस समय सेंसेक्स 205 अंकों की मजबूती के साथ 8,656 पर है, जबकि निफ्टी 67 अंक ऊपर 2620 पर है। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक इस समय लाल निशान में हैं। आईटी, टीईसीके, तेल-गैस और कैपिटल गुड्स सूचकांक में 2.3% से अधिक मजबूती है। लेकिन रियल्टी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, धातु और एफएमसीजी सूचकांक में गिरावट है। रियल्टी सूचकांक में 5.3% की कमजोरी है। टीसीएस में 5.99%, एचडीएफसी में 5.91%, रिलायंस इन्फ्रा में 5.28% और स्टरलाइट इंडस्ट्रीज में 4.86% की बढ़त है। बीएचईएल, एसबीआई, एनटीपीसी, विप्रो और इन्फोसिस में 3.5% से अधिक मजबूती है। लेकिन डीएलएफ में 7.99% और जयप्रकाश एसोसिएट्स 7.05% की गिरावट है।
12.30: एशियाई बाजारों से मिले सकारात्मक संकेतों के बीच भारतीय शेयर बाजारों में बढ़त बनी हुई है। इस समय सेंसेक्स 264 अंकों की मजबूती के साथ 8,715 पर है, जबकि निफ्टी 78 अंक ऊपर 2631 पर चल रहा है। हालांकि बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक हरे निशान में हैं, लेकिन इनकी बढ़त मामूली है। आईटी, टीईसीके, पावर और कैपिटल गुड्स सूचकांक में 3% से अधिक मजबूती है। लेकिन रियल्टी और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सूचकांक लाल निशान में चल रहे हैं। रियल्टी सूचकांक में लगभग 4% कमजोरी है। टीसीएस में 6.28%, एचडीएफसी में 5.91%, स्टरलाइट इंडस्ट्रीज में 5.74% और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज में 5.5% की बढ़त है। रिलायंस इन्फ्रा, बीएचईएल, एसबीआई और रिलायंस कम्युनिकेशंस में 4.5% से अधिक मजबूती है। लेकिन डीएलएफ 4.73% नीचे चल रहा है।
10.30: भारतीय शेयर बाजारों में इस समय मजबूती दिख रही है। सेंसेक्स 124 अंकों की बढ़त के साथ 8,575 पर है, जबकि निफ्टी 43 अंक ऊपर 2596 पर चल रहा है। बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक में हल्की गिरावट है। यदि बीएसई क्षेत्रवार सूचकांकों की बात करें, तो रियल्टी और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सूचकांक लाल निशान में चल रहे हैं। धातु, कैपिटल गुड्स और पावर सूचकांक में 2% से अधिक मजबूती है।
गुरुवार को यूरोपीय और अमेरिकी बाजारों में आयी कमजोरी के बाद शुक्रवार की सुबह एशियाई बाजारों में गिरावट है। भारतीय समयानुसार सुबह 8 बजे शंघाई कंपोजिट में 3.5% से अधिक कमजोरी है। निक्केई, हैंग सेंग, जकार्ता कंपोजिट और ताइवान वेटेड में 2-2.5% की गिरावट है। स्ट्रेट टाइम्स में 1.5% की कमजोरी है। कॉस्पी में भी हल्की गिरावट है।
अमेरिका की तीन बड़ी ऑटो कंपनियों को राहत दिये जाने की तात्कालिक आशाओं के धूमिल होने की खबरों के बीच गुरुवार के कारोबार में डॉव जोंस 445 अंकों या 5.6% की कमजोरी के साथ बंद हुआ।
थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महँगाई दर में और गिरावट दर्ज की गयी है और यह 8 नवंबर को समाप्त सप्ताह में 0.08% घट कर 8.9% रह गयी है। इससे पिछले सप्ताह में यह 8.98% दर्ज की गयी थी। हालांकि ठीक एक वर्ष पहले महँगाई दर 3.20% रही थी।
इंडिया इन्फोलाइन की एक ताजा रिपोर्ट निफ्टी कंपनियों के मुनाफे को लेकर खतरे की घंटी बजा रही है। इसमें कहा गया है कि अगली 3-4 तिमाहियों में कंपनियों का मुनाफा काफी खराब रह सकता है। दबाव वाली स्थिति (स्ट्रेस-केस) मान कर किये गये विश्लेषण में अनुमान जताया गया है कि 2008-09 की दूसरी छमाही में निफ्टी में शामिल कंपनियों का कुल मुनाफा पहली छमाही के मुकाबले 19% कम रहेगा। वहीं 2009-10 में यह मुनाफा 2007-08 के स्तर से भी नीचे जा सकता है।
2.18: भारतीय शेयर बाजार में एक सीमित दायरे के बीच कारोबार हो रहा है। इस समय सेंसेक्स 394 अंक नीचे 8,380 पर है, जबकि निफ्टी 97 नीचे 2,538 पर है। बीएसई स्मॉलकैप और मिडकैप सूचकांकों में 3.5% से अधिक की कमजोरी है। बीएसई के सभी क्षेत्रवार सूचकांक लाल निशान में हैं। रियल्टी सूचकांक में 6.85% और बैंकिंग सूचकांक में 6.17% की गिरावट है। तेल-गैस, धातु, ऑटो और टीईसीके सूचकांकों में 4.5% से अधिक कमजोरी है। आईसीआईसीआई बैंक में 9.62% और रिलायंस कम्युनिकेशंस में 8.32% की गिरावट है। स्टरलाइट इंडस्ट्रीज, टाटा पावर, मारुति सुजकी और एचडीएफसी बैंक में 7% से अधिक कमजोरी है। रिलायंस इन्फ्रा, एचडीएफसी और जयप्रकाश एसोसिएट्स में 6.7% से अधिक गिरावट है।
12.30: भारतीय शेयर बाजार में गिरावट बढ़ गयी है। इस समय सेंसेक्स 410 अंक नीचे 8,364 पर है, जबकि निफ्टी 108 नीचे 2,527 पर है। बीएसई में सभी क्षेत्रवार सूचकांकों में गिरावट है। रियल्टी सूचकांक में 7.3% और बैंकिंग सूचकांक में 5.82% की गिरावट है। ऑटो, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, टीईसीके और आईटी सूचकांकों में भी 4.5% से अधिक की कमजोरी है। एचडीएफसी में 10.33%, टाटा पावर और आईसीआईसीआई बैंक में 8.66%, रिलायंस कम्युनिकेशंस में 7.7% और एचडीएफसी बैंक में 7.44% की गिरावट है।
इंडिया इन्फोलाइन ने कारोबारी साल 2008-09 की दूसरी छमाही में निफ्टी में शामिल कंपनियों का कुल मुनाफा पहली छमाही के मुकाबले 19% कम रहने का अंदेशा जताया है। अगर 2009-10 में निफ्टी कंपनियों के मुनाफे की बात करें, तो यह 2007-08 से भी नीचे जा सकता है। इस ब्रोकिंग फर्म की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि 2009-10 में निफ्टी कंपनियों का कुल मुनाफा बाजार के मौजूदा औसत अनुमान की तुलना में करीब 20% कम हो सकता है। इस रिपोर्ट के मुताबिक दबाव वाली स्थिति (स्ट्रेस-केस) के अनुमान ही अब आधार (बेस-केस) अनुमान बनते दिख रहे हैं।