
बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने कम आईपीओ (IPO) इश्यू पर चिंता जाहिर की है।
नयी कंपनियों की ओर बहुत कम आईपीओ बाजार में आने पर सेबी चिंता में है। सेबी ने अनुकूल बाजार स्थितियों के बावजूद नये आईपीओ के बाजार में न आने पर हैरानी भी व्यक्त की। बाजार नियामक ने इन्वेस्टमेंट बैंकर्स से निवेशकों को लुभाने के लिए प्राइसिंग (आईपीओ में शेयर की कीमत का दायरा) के मामले पर अधिक विचार-विमर्श करने के लिए कहा है। सेबी ने आईपीओ में निवेशकों से कम प्रीमियम वसूलने के लिए कहा है।
खबरों के अनुसार सेबी चेयरमैन अजय त्यागी ने कहा कि बाजार नियामक ने वर्ष 2018 में 60,000 करोड़ रुपये के आईपीओ को मंजूरी दी है। मगर हैरानी की बात है कि इनमें से कई कंपनियाँ अपने आईपीओ अभी तक बाजार में नहीं लायीं हैं।
आँकड़ों के अनुसार अक्टूबर के अंत तक इस साल में 24 कंपनियों ने आईपीओ के माध्यम से 30,959 करोड़ रुपये जुटाये हैं। इसमें अधिकांश आईपीओ शुरुआती तीन महीनों में आये थे।
प्राइम डेटाबेस के अनुसार 2017 आईपीओ के जरिये पूँजी जुटाने के मामले में काफी अच्छा रहा था। पिछले साल 120 कंपनियों ने आईपीओ के जरिये 67,147.4 करोड़ रुपये जुटाये थे। प्राइम डेटाबेस के मुताबिक इस साल करीब 40 कंपनियों ने आईपीओ के जरिये 60,000 करोड़ से ज्यादा की पूँजी जुटाने के लिए सेबी से मंजूरी ले रखी है। मगर अधिकतर कंपनियाँ आईपीओ लाने के लिए तेजी नहीं दिखा रही हैं। इस समय 30 से ज्यादा अन्य कंपनियों ने आईपीओ के लिए सेबी के पास आवेदन किया हुआ है। (शेयर मंथन, 21 दिसंबर 2018)
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